Monday, 31 December 2018

मया भीमानं माय सोन्यानं भरली ओटी

काखेत पोरगं हातात झाडनं डोईवर शेणाची पाटी
कपडा न लत्ता, आरे, खरकटं भत्ता
फजिती होती माय मोठी
माया भीमानं, भीमानं माय सोन्यानं भरली ओटी

मुडक्या झोपडीले होती माय मुडकी ताटी
फाटक्या लुगड्याले होत्या माय सतरा गाठी
पोरगं झालं सायब अन सुना झाल्या सायबीनी
सांगतात ज्ञानाच्या गोष्टी

सांगू सांगू मी केले, केले माय भलते कष्ट
नव्हतं मिळत वं खरकटं आणि उष्टं
असाच घास दिला भीमानं
झकास वाटी ताटी

----------------------------  होता
तवा सारंग चा मुळीच पत्ता नव्हता
पूर्वीच्या काळात असंच होतं
बात मायी नाय वं खोटी
माया भीमानं, मया बापानं,
माया भीमानं माय, सोन्यानं भरली ओटी

गीतकार:  समदूर सारंग
स्वर:
(कडुबाई खरात यांच्या आवाजातील या गीताचा विडिओ
समाजमाध्यमांवर वायरल झाला  २०१८ मध्ये.)

Saturday, 29 December 2018

पवित्रता जीवन की बनाये रखना

पवित्रता जीवन की बनाये रखना
यही धम्म है
जनमानस हित में अंतर्मन से जुड़ना
यही धम्म है

A man is shaped by pure thought 
And he becomes what he sought 
When his mind is pure 
Joy follows him for sure

सब्बे सत्ता सुखी होन्तु
सब्बे होन्तु च खेमिनो
सब्बे भद्रानी पस्सन्तु
माकत्र्चि दुःखमागमा

केवल विद्वान ही होना पर्याप्त नही
अहसास के साथ ही जीना दिनरात यहीं
कठिनाई में सच झूठ का परिचय करना
यही धम्म है

( पवित्रता जीवन की बनाये रखना
यही धम्म है
जनमानस हित में अंतर्मन से जुड़ना
यही धम्म है

A man is shaped by pure thought 
And he becomes what he sought 
When his mind is pure 
Joy follows him for sure

सब्बे सत्ता सुखी होन्तु
सब्बे होन्तु च खेमिनो
सब्बे भद्रानी पस्सन्तु
माकत्र्चि दुःखमागमा )

हर दिल में प्यार भरा हो
सुमधुर हो हर वाणी
--- से लिखते जाओ सुख की कहानी
आचार नीती से खुद को नियंत्रित रखना

पवित्रता जीवन की बनाये रखना
यही धम्म है
जनमानस हित में अंतर्मन से जुड़ना
यही धम्म है

अल्बम: Sambuddha (2016)
Lyricist and Singer: Pawa

Thursday, 29 November 2018

सुखकर है बुद्ध का जन्म

सुखो बुद्धानमुप्पादो सुखा सद्धम्मदेसना
सुखा संघस्स सामग्गी, समग्गानं तपो सुखो
**********************************
सुखकर है सुखकर है सुखकर है
बुद्ध का जन्म सुखकर है

वो जो है आये, तो जाना है जग ने
शान्ति का संगीत, मैत्री के नग्मे
आने से उनके, समझा है जग ने
अहिंसा का सन्देश, करुणा के नग्मे
                  सुखकर है सुखकर है सुखकर है
                  बुद्ध का जन्म सुखकर है

मैं भी अभी सोचू जरा
तुम भी अभी सोचो जरा
सोचो जरा, सोचो जरा

मैं भी अभी सोचू जरा
तुम भी अभी सोचो जरा
क्या होता जग ये रहने के काबिल?
खिलने के काबिल, सहने के काबिल?
सब बोले अब 'सब्ब मंगल' की बोली
हो जाये सुखकर भूमण्डल की बोली
तथागत के तत्त्वों से मिटायेंगे हम
जुल्मी और स्वार्थी मारों की टोली
                 सुखकर है सुखकर है सुखकर है
                 बुद्ध का जन्म सुखकर है
**********************************
इतिपि सो भगवा अरहं सम्मासम्बुद्धो
इतिपि सो भगवा अरहं सम्मासम्बुद्धो
इतिपि सो भगवा अरहं सम्मासम्बुद्धो

गीत और संगीत: राजेश ढाबरे
स्वर: सुरेश वाडकर


सुनो रे हाथ जोडो मिलके करो वंदन

बुद्धं सरणं गच्छामि
धम्मं सरणं गच्छामि
संघं सरणं गच्छामि

सुनो रे हाथ जोडो, मिलके करो वंदन
आते है बुद्ध भगवन

गरिमा का धारण चीवर
गौरव का वो शिखर
भाषा जिसकी सरल
वाणी कोमल कोमल
महके चाल में शालीनता का चन्दन
आते है बुद्ध भगवन

आंखोंकी रोशनी में चमक
चेहरे पे मुस्कान की है दमक
तेजोमुख की आभा अनंत
ओजस्वी है और कांतिपूर्ण दर्शन
आते है बुद्ध भगवन

मन सोना तन चांदी रे
सच पाया उस त्यागी ने
धातु की काया, रेशम सी छाया
कैसी लगन बाँधी रे
मन सोना तन चांदी रे
धातु की काया, मोम सी माया
कैसी लगन बाँधी रे
बादलों से मुक्त जैसे चन्द्रमा का वर्णन
आते है बुद्ध भगवन

बुद्धं सरणं गच्छामि
धम्मं सरणं गच्छामि
संघं सरणं गच्छामि

विश्वास की वो जंगी इमारत, साहस की गहरी किताब
उसकी ही चिंतन मनन से ही होगा, निर्मित स्वयंप्रकाश
गुहा से निकले हुए केसरी का गर्जन
आते है बुद्ध भगवन

सुनो रे हाथ जोडो मिलके करो वंदन
आते है बुद्ध भगवन

गीत और संगीत: राजेश ढाबरे
स्वर: शंकर महादेवन, डॉ. भावना

Saturday, 17 November 2018

वो बात करो पैदा

वो बात करो पैदा, तुम अपनी जुबानोंमे 
दुनिया भी कहे कुछ है, इन भीम दीवानों में 

ईमान की ये दौलत, मिलती नहीं महलों में 
ये चीज़ तो मिलती है, मुफ़लिस के मकानों में 

गैरों को बना अपना, अपनों से मोहब्बत कर 
इन्साफ बराबर कर, अपनों में बेगानों में 

गर भीम नहीं होते, हम आज कहाँ जाते 
जुल्मों में पले थे हम, उभरे है तूफानों में 

बहकायेगा क्या कोई शैतान, दलितों को 
हम आग लगा देंगे, बर्फीली चट्टानों में 

हक़ अपना बराबर हम, अब छीन के ले लेंगे 
है आज भी वो ताकत, बूढ़ो में जवानों में 

छोटे को गिराओ ना, नजरों से बड़े लोगों 
हीरे भी निकलते है, गिट्टी की खदानों में 

गायक: प्रकाशनाथ पाटणकर 

हे खरंच आहे खरं

हे खरंच आहे खरं
हे खरंच आहे खरं
की भीमराव रामजी आंबेडकर
बाबासाहेब आंबेडकर, नाव हे गाजतंय हो जगभर

महाविरोध कवटाळीला
सारा समाज सांभाळीला
कोटीकोटीचा उद्धार केला हो
शिरी बांधीला मानाचा शेला
अंधरूढीला गुलामगिरीला लावलिया कातर
बाबासाहेब आंबेडकर, नाव हे गाजतंय हो जगभर

जातीभेदाच्या तोडिल्या तोफा
मार्ग सत्याचा दाविला सोपा
आम्हा बांधून ठेवलाय खोपा हो
बौद्ध धर्माचा टांगलाय सोफा
जाणून महती सुखानं जगती
दलितांची लेकरं
बाबासाहेब आंबेडकर, नाव हे गाजतंय हो जगभर

भारताला जी होती हवी
अशी लिहिली घटना नवी
नवज्ञानाचा होता रवी हो
काय वर्णावी ही थोरवी
जोवर धरती हरेंद्रा कीर्ती राहील अजरामर
बाबासाहेब आंबेडकर, नाव हे गाजतंय हो जगभर

शब्दरचना: हरेंद्र जाधव

Tuesday, 13 November 2018

Siddhartha taught me the Middle Way

(For sharing Dhamma)
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Music/Lyrics: Huang Jin Rui
Vocal: Huang Jing Rui
Children vocal: Jina Lim/Toh Wei Qi
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Siddhartha taught me the Middle Way
Happiness isn't too far away
Not to the Left, Not to the Right
Balance is the Guide

Siddhartha taught me the middle way
Happiness isn't too far away
Not too much work, Not too much play
Balance is the way

This path so easy to follow
Keep your balance wherever you go
Now wave goodbye to your sorrow
Don't wait till tomorrow

Now I've learnt what the Buddha says
Happiness isn't too far away
Not to the Left, Not to the Right
Balance is my Guide
Not too much work, Not too much play
Let's walk the middle way


Music/Lyrics: Huang Jin Rui
Vocal: Huang Jing Rui
Children vocal: Jina Lim/Toh Wei Qi



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Monday, 12 November 2018

ज्ञानसूर्य तू इस जगत का

ज्ञानसूर्य तू इस जगत का,
भीमराव महान
भारतभू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम
हम करते है प्रणाम
प्रणाम ! प्रणाम ! प्रणाम !

अमृतकुंड महाड का,
खुला किया दलितोके लिये भीमराव ने
अंधःकारमय जीवन उज्ज्वल, किया ज्ञान के प्रकाश से भीमराव ने
भीमाबाई और रामजीके,
वे चौदावे रत्न महान
भारतभू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम
हम करते है प्रणाम

हिंदू कोड बिल सादर करके,
स्त्री हकोंकी रक्षा की
गोलमेज परिषद में  जा कर, मानवता की रक्षा की
ज्ञानसागर प्राशन करके
गुंगे को दिलायी जुबां
भारतभू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम
हम करते है प्रणाम

स्वतंत्रता का समानताका,
बंधुभाव और न्यायनीतीका
पंचशील का कवच बनाकर, संविधान लिखा भारत का
भारतरत्न हे भीमराव,
विश्व् के है युगपुरुष महान
भारतभू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम
हम करते है प्रणाम

इस धरती का कोई इन्सा
आज किसी का नही है दास
संघटना और ज्ञान मंत्र से खत्म हुआ है ये वनवास
ज्योत ---- की प्रज्वलित कर
हम सारे बन जाये (सुजाण) ......
भारतभू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम
हम करते है प्रणाम

शब्दरचना: सुधीर भगत
आवाज: कविता कृष्णमूर्ती

Sunday, 11 November 2018

अरे सागरा !!

अरे सागरा !! अरे सागरा !!
भीम माझा येथे निजला, शांत हो जरा

दिनांसाठी कष्ट साहिले, माझ्या भीमाने
हक्क दिले मिळवुनी आम्हा, अति श्रमाने
सोडुनी ही गेली गाई, आपुल्या या वासरा
अरे सागरा !!

पाहून ऐट त्यांची, वैरी मनी लाजं
घटनेचा शिल्पकार, माझा भीमराज
दीप विझला, नाही आजला,आता चमकणारा
अरे सागरा !!

बौद्धमय करीन भारत, हीच मनी आस
आनंदाने ठेवीन मी, या समाजास
स्वप्न तुटले डोळे मिटले, आता ना सहारा
अरे सागरा !!

गेला सोडून अम्हा, पिता भीमराज
कल्याणकर्ता आमचा, राहिला ना आज
सोडुनी तो दुःखहर्ता, आजला या लेकरा
अरे सागरा !!

Saturday, 10 November 2018

युगोंसे शापित मानव को

युगोंसे शापित मानव को
युगोंसे शापित मानव को
बदल दिया वरदानोमें
हीनदीनोंके आंसू तुम्हीने
बदले है मुस्कानोंमे

माँ की ममता प्यार पिता का बनकर
दलितोद्धार किया
सदियों से था गिरा हुआ भँवर में
कौम का बेडा पार किया
फूँक दिए है प्राण आपने
निष्प्राणो के प्राणोंमें

वर्णाश्रम के भेदों का सब भेद उलटकर रख दिया
क्रांतिकारी कदम उठा
इतिहास पलटकर रख दिया
गूँज रहे सन्देश भीम के
चारों ओर दिशाओं में 

युगोंसे शापित मानव को
बदल दिया वरदानोमें
हीनदीनोंके आंसू तुम्हीने
बदले है मुस्कानोंमे

शब्दरचना: उत्तम मुळे
गायक: सुरेश वाडकर


Friday, 9 November 2018

समाज विकणार नाही

नाही कधीच पटणार नाही, ही मनधरणी चतुराई
बोले ठासून भीम त्या ठायी, जावा जमायचं आपलं नाही
जावा जमायचं आपलं नाही
अशा दीड दमडीच्या पायी, माझा समाज विकणार नाही

शोधियले मी कित्येक धर्मस्थान
परी दिसले ना आमचे कुठे कल्याण
नको ही आता शाश्वती आणि
नको ही तुमची ग्वाही
आता नको ही तुमची ग्वाही

पाय उचलील तर करीन किल्ला सर हा
जर ना झाला तर मरेल आंबेडकर हा
अन् जगलो तर दावील जगाला
करून पर्वत राई
अन् करून पर्वत राई

मी पाहिले चाळूनी धर्मग्रंथ
त्यात आढळलाय बुद्धाचा एकच पंथ
त्या मार्गाने काशीनंदा
मुक्ती मिळे लवलाही
आता मुक्ती मिळे लवलाही
अशा दीड दमडीच्या पायी, माझा समाज विकणार नाही

Sunday, 12 August 2018

भीमा तुझ्या महूला जावून काल आलो

भीमा तुझ्या महूला जावून काल आलो
तू जन्मल्या ठिकाणी राहून काल आलो

तू रांगलास जेथे तेथेच मान झुकली
ती धूळ मी कपाळी लावून काल आलो

आई तुझी भिमाई सातारलाच गेली
तेथेही दोन अश्रू वाहून काल आलो

जाऊन दूरदेशी तू आणली शिदोरी
मी त्यातलीच काही खाऊन काल आलो

दिल्लीतला खजिना तू वाटणार होता
तेथे तुझेच पाणी दावून काल आलो

दीक्षाभूमी सभोती हर्षाने दाटलेली
नागांची नागनगरी पाहून काल आलो

ते जाळणार होते मी टाळणार होतो
वामनसहित तेथे जाऊन काल आलो

स्वर: कृष्णा शिंदे

Sunday, 29 July 2018

नवकोटीचा राजा

नमो तस्स भगवतो अर्हतो सम्मासम्बुद्धस्स
नमो तस्स भगवतो अर्हतो सम्मासम्बुद्धस्स
बुद्धं शरणं गच्छामि
धम्मं शरणं गच्छामि
संघं शरणं गच्छामि

राजा, नवकोटीचा राजा
दयाळू दाता माझा
दयाळू दाता माझा आज पूजा गं

पोरं पिंपळपारावर
राजगृहापरी सुंदर
ध्यानस्थ आसनावर
बसविला भीमभास्कर
दर्शनास नारी-नर, येतील गडे दिनभर
लगबगीनं तुम्ही जा जा
लगबगीनं तुम्ही जा जा, जा पूजा गं

ज्याने रूढी बंधनातून
काढिले तुम्हा ओढून
आठवून तयाचे ऋण
व्हा मुक्त तुम्ही त्यातून
गाऊन तयाचे गुण, टाकावे गाव गर्जून
ही अशीच आरती गा जा
ही अशीच आरती गा जा, जा पूजा गं

जावून स्मारकाकडे
जा पूजा पहा ती गडे
कशी रास फुलांची पडे
दरसाल पुण्य एवढे
वर्षात दोनदा घडे, जा रांग लावण्या पुढे
फुलहार घेऊनि ताजा
फुलहार घेऊनि ताजा, जा पूजा गं

गीत:
गायक: श्रावण यशवंते

अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा

करून करणी दिपवली धरणी
भयान रात होती जेव्हा
अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा

अन्यायाची सुरी धरी माणूस माणसावरी
असली दादागिरी पाहुनी भीम पेटला उरी
तयार झाला रणी उतरला, गर्जत सिंहाचा छावा
अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा

नरकातून ह्या निघा जगा माणूस म्हणुनी जगा
कपटी जुलमी जगा त्यागुनी, पावन जीवन बघा
नाही हादरला सांगत फिरला धडाडीने गावोगावा
अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा

त्या भगवंतापदी लीन तो झाला सर्वाआधी
जन हे लक्षावधी टाकिले नंतर ओटीमधी
हीन-दीनाना दुःखी जीवांना, दिला सुखाचा हा ठेवा
अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा

ह्या वस्तीला धनी हजारो वर्षे नव्हता कुणी
आला भीम-नरमणी टाकिली नगरी हि बदलुनी
लक्ष्मणा ही करणी पाही, जग सारं करतंय वाहवा
अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा

गीत:
गायक: श्रावण यशवंते

Tuesday, 24 July 2018

कोहिनूर भारताचा

होता तो भीम माझा कोहिनूर भारताचा 
बुद्धाचा मार्ग त्यांनी दाविला तारणाचा 

जीवनपथास उजळे होऊनि दीपस्तंभ 
प्रबुद्ध बौद्ध करण्या केला इथे आरंभ 
उज्ज्वल भविष्यासाठी झिजला तो देह त्यांचा 
बुद्धाचा मार्ग त्यांनी दाविला तारणाचा 

पांडित्यपूर्ण शैली होती ती भाषणाची 
सदैव दूरदृष्टी दृढनिश्चयी भीमाची 
बाबांचा मानी पिंड बुद्धीच्या सागराचा 
बुद्धाचा मार्ग त्यांनी दाविला तारणाचा 

ग्रंथात ग्रंथरूपी राही अमर तो आज 
विष्णू कधी ना लोपे प्रगल्भ भीमराज 
गुणवान पूज्य ठरला आदर्श गौतमाचा 
बुद्धाचा मार्ग त्यांनी दाविला तारणाचा 

गीत: विष्णू डांगे 
गायक: शाहीर विठ्ठल उमप 

कोणी नाही भीमासारखा

ह्या संसारी दलितोद्धारी
महाउपकारी, झाला अमुचा सखा
कोणी नाही भीमासारखा...

पडीक भूमी जीवन अमुचे
कुणी कसेही तुडवित होते
मालक झाला त्याच भूमीचा
भूषविले ते मंगल नाते
तन मन कसूनी, बीज रुजवुनी
पिकवूनी गेला पिता...
कोणी नाही भीमासारखा

जातीयतेच्या अंधारातून
खंबीरतेने पुढे निघाला
करुनिया विद्येची साधना
विद्वत्तेचा पंडित झाला
थोर किती तो, घटनापती तो
तया तुम्ही ओळखा...
कोणी नाही भीमासारखा

बुद्धप्रणाली अंगीकारून
संघटली ती शक्ती मोठी
पंचशीलेने केले पावन
पिडलेले जन कोटी कोटी
हे विजयाचे, कार्य तयाचे
आता तरी पारखा...
कोणी नाही भीमासारखा


Friday, 6 July 2018

सोनियाची उगवली सकाळ

सोनियाची उगवली सकाळ
जन्मास आले भीमबाळ

भिमाई माता प्रसूत होता
हर्षित झाले ते रामजी पिता
धन्य झाली कुळी सकपाळ
जन्मास आले भीमबाळ

तारीख चौदा एप्रिल माहे
महूगावात हे वारे वाहे
ठेंगणे भासे आभाळ
जन्मास आले भीमबाळ

रूप तेजस्वी चंद्रापरी ते
तळपत होते अवनीवरी ते
केला सुखाने प्रतिपाळ
जन्मास आले भीमबाळ

मोठा झाला शिकला सवरला
........  ...   पुढे तो ठरला
जीर्ण रुढीचा कर्दनकाळ
जन्मास आले भीमबाळ

सोनियाची उगवली सकाळ
जन्मास आले भीमबाळ

गायक: आनंद शिंदे




Wednesday, 27 June 2018

पिंपळाच्या पानावर

पिंपळाच्या पानावर, पाहिले चित्र गौतमाचे
बोधिवृक्षाने कथन केले, ते चारित्र्य गौतमाचे
किती घोर तपस्या ती, देहाचे वारूळ झाले
बुद्धगया अजंठा ही, साक्षात वेरूळ आले
अष्टगाथा मंगलमय ते, पावित्र्य गौतमाचे
पिंपळाच्या पानावर, पाहिले चित्र गौतमाचे...1
या सावलीत माझ्या, विश्वाची माऊली ती
ह्रदयात मानवाच्या, धम्मज्योत लाविली ती
जग जिंकूनी झाले, ते मित्र गौतमाचे
पिंपळाच्या पानावर, पाहिले चित्र गौतमाचे...2
कधी केला नाही गर्व, ना वाद कधी केला
तरी देश आज म्हणतो, मी बुद्धाचा चेला
बुद्धाने बुद्ध पाहे, सचित्र गौतमाचे
पिंपळाच्या पानावर, पाहिले चित्र गौतमाचे...3
लिहिले कुठेच नाही, हा माझा धम्म आहे
निर्वाणपदानंतर, या जगी स्तुप आहे
भिमदुतास कळले ते, सन्मित्र गौतमाचे
पिंपळाच्या पानावर, पाहिले चित्र गौतमाचे...4

बोधिवृक्षाने कथन केले, ते चारित्र्य गौतमाचे..
पिंपळाच्या पानावर, पाहिले चित्र गौतमाचे

गायक : प्रल्हाद शिंदे 
शब्दरचना :

Friday, 15 June 2018

माझ्या खंबीर नेत्यानं पाणी चाखलं तळ्याचं

माझ्या खंबीर नेत्यानं, पाणी चाखलं तळ्याचं
त्यानं जीवाच्या पल्याड, केलं राखण मळ्याचं

बोधिसत्त्वाच्या तत्त्वाचं, खत टाकीलं मळ्यात
त्याला कुंपण घातीलं, बुद्ध धम्माच्या आळ्याचं 

बोध-अमृत शिंपून, मळा फुलविला त्यानं 
नव जीवन घडविलं, कोटी फुलांचं कळ्यांचं 

अष्टशीलाच्या कुपीत, असे भांडार ज्ञानाचं 
भाग्य जागवी क्षणात,  दीक्षाभूमीच्या खळ्याचं  

साऱ्या विखुरल्या फांद्या, पानं लागली गळाया 
नाही कुणी आता उरलं, भीमरायाच्या लळ्याचं 

नवकोटीच्या संगतीनं, राजगुरुनं गळ्यात
बघा ताईत बांधीलं, भीम बुद्धाच्या नावाचं 

**************************************
गीत: लक्ष्मण राजगुरू
गायक: कृष्णा शिंदे

Thursday, 14 June 2018

गौतमाचे चरणी फूल वाहिलेले

गौतमाचे चरणी फूल  वाहिलेले
साकार झाले स्वप्न पाहिलेले

दिनी पौर्णिमेच्या बोधीवृक्षाखाली
बुद्ध पहुडलेले ज्ञान जाग आली
ज्ञानियामुळे अवघे विश्व जागलेले
साकार झाले स्वप्न पाहिलेले

दुःख मानवी सारे बुद्धास कळले
राज्यत्याग करुनी सत्यमार्गी वळले
तयांच्यामुळे विश्व-युद्ध टळलेले
साकार झाले स्वप्न पाहिलेले

दीन-दुःखितांना सवे घेऊनिया
दया-क्षमा-शांती मंत्र देऊनिया
उद्धरले बुद्ध-मार्गी चाललेले
साकार झाले स्वप्न पाहिलेले

त्रिशरण पंचशीला अष्टांग मार्ग
विश्वकल्याणाचा दावी सन्मार्ग
सत्यशील उद्धारक धम्म निवडलेले
साकार झाले स्वप्न पाहिलेले

गौतमाचे चरणी फूल  वाहिलेले
साकार झाले स्वप्न पाहिलेले

गायक: कृष्णा शिंदे




Wednesday, 13 June 2018

बुद्ध हे बुद्धीचे भांडार

ज्ञान देउनी अज्ञानाचा दूर करी अंधार 
बुद्ध हे बुद्धीचे भांडार 

तत्त्व हिताची बोध प्रणाली 
वदे जगाला बुद्ध माउली 
सन्मार्गाची देई साउली 
करी धम्म साकार 
बुद्ध हे बुद्धीचे भांडार 

पुरुषोत्तम जणू दूत शांतीचा 
उद्धारक नव विश्व क्रांतीचा 
प्रेरक होऊनि हीन-दीनांचा 
करी जगी उद्धार 
बुद्ध हे बुद्धीचे भांडार 

नश्वर देही दिव्यत्वाने 
अष्टशीलेच्या उपदेशाने 
मानवतेला तथागताने 
दिला दिव्य आकार 
बुद्ध हे बुद्धीचे भांडार 

बाबांच्या लाडक्या मुलांनो

बाबांच्या लाडक्या मुलांनो, घर हे सोडू नका
भीमाची आज्ञा मोडू नका

काडी काडी जोडून जोडून घरटे हे बनविले
पित्यापरी सांभाळिले अन हक्क मिळवुनी दिले 
घट ज्ञानाचे स्वाधीन केले, घट हे मोडू नका
भीमाची आज्ञा मोडू नका

परिश्रमाची शर्थ करुनी संघटना घडविली
समतेच्या सागरी विषमता कायमची बुडविली
ममतेचे अन बंधुत्त्वाचे, नाते तोडू नका
भीमाची आज्ञा मोडू नका

नागपूरच्या दीक्षाभूवर केली होती प्रतिज्ञा
कार्यरथाला पुढे न्यायचे स्मरणी असू द्या आज्ञा
शिखर यशाचे चढणारांना, मागे ओढू नका
भीमाची आज्ञा मोडू नका

बाबांच्या लाडक्या मुलांनो, घर हे सोडू नका
भीमाची आज्ञा मोडू नका

Sunday, 20 May 2018

माझ्या भीमरायावानी सांगा पुढारी होईल का

सुज्ञानाचा निर्मळ झरा
भीमासारखा माणूस खरा
जन्मा येईल का
माझ्या भीमरायावानी सांगा पुढारी होईल का
असा पुढारी होईल का 
सांगा पुढारी होईल का 

मानापानाला कधीच नाही चुकून हपापणारा
धनराशीला पाहून कधी कर्तव्य ना चुकणारा
वादळातली समाज नौका किनारी लावील का
माझ्या भीमरायावानी सांगा पुढारी होईल का

करुणेचा सागर होऊन करुणेने कळवळणारा
दीनदलितांसाठी दिन रात्री तळमळणारा
भीमासारखा कर्तृत्वाचा पहाड होईल का
माझ्या भीमरायावानी सांगा पुढारी होईल का

देशविदेशी जनता ज्ञान बघून चकित होई
अशी भीमाची करणी तिला जगात मोलच नाही
अशीच गोधन दीनदलितांची ओझी वाहील का
माझ्या भीमरायावानी सांगा पुढारी होईल का

Lyrics: 
गोधन सावंत 
Singer: मिलींद शिंदे 

कुंकू लाविलं रमानं

माझ्या भीमाच्या नावाचं
कुंकू लाविलं रमानं
कुंकू लाविलं रमानं, कुंकू लाविलं रमानं

असे मधुर मंजुळ वाणी
ऐका रमाईची कहानी
वागे घरात नेमानं
कुंकू लाविलं रमानं

नाही गेली आज्ञाबाहेर
कधी आठवलं ना माहेर
केला संसार दमानं
कुंकू लाविलं रमानं

नाही केली आशा सोन्याची
करी चिंता सदा धन्याची
ठेवी पतीचा सन्मान
कुंकू लाविलं रमानं

रमा उपवाशी राहिली
दीन दलितांची माऊली
नाव कमविलं श्रमानं
कुंकू लाविलं रमानं




Saturday, 19 May 2018

कोण सकाळी पूर्व दिशेला

कोण सकाळी पूर्व दिशेला
स्वरांजली वाहिते (२)
गाऊनी भीम-बुद्धाची गीते (२)

कोण बरे शीलवंत ही देवी
गाई भीमाची मंजुळ ओवी
कोण माऊली भल्या पहाटे
अंगणी जल शिंपीते

पवित्र जलाने स्नान संपुनी
मिश्र फुलांचे हार गुंफुनी
कोण सुहासिन सौभाग्याचा
गंध-टिळा लाविते

कुणी हे मंगल मंत्र बोलले
बुद्धं सरणं वदत चालले
कोण विनयशील अमुची भगिनी
धम्मपदा वंदिते

जागे करुनी ह्या जनवृन्दा 
पहा निरखूनि काशीनंदा
कोण पुजारीन ह्या शुभसमयी
बुद्धपुजा बांधिते

कोण सकाळी पूर्व दिशेला
स्वरांजली वाहिते
गाऊनी भीम-बुद्धाची गीते

शब्दरचना:  बी. काशीनंद

Sunday, 11 March 2018

निघालो भीमा रे नव्याच दिशेने

निघालो भीमा रे नव्याच दिशेने
तुझ्या प्रेरणेने, तुझ्या प्रेरणेने

जनजागृतीचा प्रारंभ झाला
तू दिशाहीनांचा दीपस्तंभ झाला
बोलतात सारे नव्या जाणिवेने
तुझ्या प्रेरणेने, तुझ्या प्रेरणेने

भटकंती गेली, गेली एकदाची
दावलीस भीमा बोधीगया साची
पाहिले प्रभावी अजिंठ्याचे लेणे
तुझ्या प्रेरणेने, तुझ्या प्रेरणेने

घटनेत दिधली बुद्धाची प्रणाली
तुझ्या थोरवीची प्रचितीच आली
मन शुद्ध व्हावे बुद्ध वंदनेने
तुझ्या प्रेरणेने, तुझ्या प्रेरणेने

तुझ्या प्रेरणेने बोलताच पाली
कवीची प्रतिभा अलंकृत झाली
काव्यचंद्र वाढे कलेने कलेने
तुझ्या प्रेरणेने, तुझ्या प्रेरणेने

Lyrics : A.K.Sonone

थांबवा जरा गाडी, हीच आहे भीमवाडी

थांबवा जरा गाडी 
हीच आहे भीमवाडी
समता आणि शांतीने 
नांदती लाडी गोडी  

निढळाने जमवूनि पैसा 
बांधिले विहार 
दिसते दुरुनी घुमट 
चौरस्त्याच्या पार 
मिळुनी समाज सारा 
कष्ट करतो आळी पाळी  

जाऊ चला या तिकडे 
बुद्धाच्या विहारी 
जमले हे सान थोर 
नर आणि नारी 
बघा समता सैनिक दल 
फिरवितात लाठी काडी 

धम्म वंदनाहि होते 
सांज अन सकाळ  
कुणी भीम बुद्धाला 
अर्पि पुष्प माळ
मला ऐकू द्या आता 
अशोकाची वाणी थोडी 

Lyrics:

Friday, 2 March 2018

Children of the Buddha

(For Sharing Dhamma)
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Buddhist hymn; The Wayfarers
Music: Bro.Tan Huat Chye
PPT: Bro. Oh. Teik Bin
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Children of the Buddha
Proudly now we stand
Raising High His standard
In this Eastern Land

Buddha's teaching spreadeth
Universal Peace
Where his name is honored
Hate and strife shall cease

Children of the Buddha
We must strive to show
Truth and Love and Kindness
Wheresoever we go
Purity, obedience,
Faith and Courage strong
These shall light our journey
As we march along

As we climb life's mountain,
Clouds will disappear
Buddha's love surrounding
All who persevere
Grief and pain departing
Ignorance will cease
On our hearts descending
Blest Nirvana's peace




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Sunday, 25 February 2018

Pass It On

(For Dhamma Sharing)
Lyrics: Daniel Yeo
Music: Imee Ooi
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There is a gift from Lord Buddha
I like to share with my family
Share it with my friends
and take it round the world
and share it with all beings
Pass it on, pass it on
Let the Buddha’s wisdom stay on
Pass it on, pass it on
Let the Buddha’s love spread on
Pass it on, pass it on
Let the Buddha’s compassion flow on
Pass it on, pass it on
Let the Buddha’s Teaching goes on and on
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